तुमने कहा कि मटन में taste नहीं है,
बकरे बिचारे की जान चली गयी, उसका क्या?
तुमने कहा कि निकम्मा है साला।
बिचारा दिन-रात काम करता रहा, उसका क्या?
तुमने कहा कि प्यार नहीं करती मुझसे वो,
आँख लग गयी बिचारी की तेरे इंतज़ार में, उसका क्या?
तुमने कहा कि अन्यायी है उपरवाला,
तुम्हे औकात से ज्यादा दे दिया उसका क्या?
तुमने कहा कि जान ले ली डॉक्टर ने,
कितनो की बचाई होगी उसने, उस का क्या?
तुमने कहा कि लूटता है डॉक्टर साला,
जवानी खर्च दी उसने पढ़ाई में, उसका क्या?
तुमने कहा कि गाय काट क खानी है हमे,
गाय को देवी मानते हम, उसका क्या?
तुमने कहा की बहुत अकड़ है साले में,
कितने पापड़ बेले हैं उसने, उसका क्या?
तुमने कहा की बोलने की आज़ादी नहीं है देश में,
दिन-रात गाली मिल रही है प्रधानमंत्री को, उसका क्या?
तुमने कहा कि तानाशाह है वो,
लोकतान्त्रिक चुनाव जीत के आया है, उसका क्या?
तुमने कहा कि अनुभव नहीं शासन का उसे,
चालीस साल से राजननीति में गुज़ारे है उसने, उसका क्या?
तुमने कहा कि और आरक्षण चाहिए,
५०% वाला कलेक्टर और ८०% वाला चपरासी ही, उसका क्या?
बकरे बिचारे की जान चली गयी, उसका क्या?
तुमने कहा कि निकम्मा है साला।
बिचारा दिन-रात काम करता रहा, उसका क्या?
तुमने कहा कि प्यार नहीं करती मुझसे वो,
आँख लग गयी बिचारी की तेरे इंतज़ार में, उसका क्या?
तुमने कहा कि अन्यायी है उपरवाला,
तुम्हे औकात से ज्यादा दे दिया उसका क्या?
तुमने कहा कि जान ले ली डॉक्टर ने,
कितनो की बचाई होगी उसने, उस का क्या?
तुमने कहा कि लूटता है डॉक्टर साला,
जवानी खर्च दी उसने पढ़ाई में, उसका क्या?
तुमने कहा कि गाय काट क खानी है हमे,
गाय को देवी मानते हम, उसका क्या?
तुमने कहा की बहुत अकड़ है साले में,
कितने पापड़ बेले हैं उसने, उसका क्या?
तुमने कहा की बोलने की आज़ादी नहीं है देश में,
दिन-रात गाली मिल रही है प्रधानमंत्री को, उसका क्या?
तुमने कहा कि तानाशाह है वो,
लोकतान्त्रिक चुनाव जीत के आया है, उसका क्या?
तुमने कहा कि अनुभव नहीं शासन का उसे,
चालीस साल से राजननीति में गुज़ारे है उसने, उसका क्या?
तुमने कहा कि और आरक्षण चाहिए,
५०% वाला कलेक्टर और ८०% वाला चपरासी ही, उसका क्या?
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